Thursday, June 25, 2009

क्या भगवन रक्षा करते है ?

दुनिया के सभी धर्मो की एक मान्यता है कि उनका भगवान या अल्लाह या अन्य धर्मो में जो भी कहा जाता है वहउनकी रक्षा करता है वह उनकी सभी तरह से रक्षा करताहै चाहे वह सेहत से हो पैसे से हो या अन्य कैसी भी हो सभी से उनकी रक्षा करता है केवल unhi की रक्षा करता है जो उसके भगतहै जब किसी गोद या अल्लाह या किसी भगवन का कोई विशेष पूजा की जाती है बहुत लोग एक साथ आते है इससे धर्म को बहुत फायदा मिलता है यह हर वर्ष किया जाता है अपनी रक्षा के लिए भगत बहुत पूजा करते है
अब एक बात आती है जब भी कोई बड़ी पूजा होती है बहुत आदमी मर जाते है या दुश्मन मार देता है जब भगवान रक्षा करते है वह कैसे मार दिए जाते है भगत की रक्षा भगवान नही आदमी करते है कईधार्मिक स्थानों पर भगदर हो जाती वहा भगत मर जाते है घायल हो जाते है उनकी सहायता भगवन नही इन्सान ही करता है यह बात धर्म स्थल की ही नही पुरे संसार की है जब भी इन्सान पर विपति आई है इन्सान ने ही सहारा दिया है भगवन किसी को हाथ में डंडा देने या दवाई देने कभी नही आए / दूसरा पहलू ये है कि किसी भी देश में हो कोई भी धर्म हो / धर्म के काम के लिए सेना का आदमी क्यो लिया जाता हैमैकिसी के त्यौहार का नाम नही लेना चाहता । बसअपने या अपने किसी न किसी नजदीक किसी धर्म को देख लेना / आज के दोर में आतंक वादी किसी को भी निशाना बना सकते है उनके लिए सेना क्यो? भगवन क्यो नही/ क्या आपके भगवान रक्षा नही करते या आपको लगता है वह हमारी रक्षा नही कर सकते इस लिए सेना को खड़ा किया जाता है / कितनी छोटी सोच है आपकी भगती में अपने सवर्ग के लिए किसी जवान को बलि चडा देते हो किसी के सुख से आपको कोई अर्थ नही / यह स्वार्थ है भगती नही अगर आपका भगवन अल्लाह या मसीही आपकी रख्सा करता है तो किसी क्यो मरतु देते हो /सच तो ये है कि आप कि जान किसी इन्सान ने ही bachai /क्या भगवन ने baachai / आप kaise kh kahte ho bhagwan hamari rkhsa karte hai /
आप सभी धर्म भगत बताये क्या भगवान आप की रक्षा करते है आप किसी भी धर्म से क्यो न हो / पड़ कर जवाब जरूर लिखे / अपना इ-मेल पता भी दे सकते है ताकि मेआप से सीधा सम्पर्क कर सकू /

धन्यावाद ,

7 comments:

  1. भगवान , अल्‍लाह या गाड .. जो भी हैं .. वो हमारी रक्षा करते हों या न करते हों .. पर इस बात पर विश्‍वास बने होने से यदि आत्‍मविश्‍वास बना रहता है .. तो इसमें हर्ज ही क्‍या है .. हां , धर्म के नाम पर हमें कमजोर नहीं होना चाहिए .. यदि वैसा होता है तो यह गडबड है।

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  2. प्रिय मित्र भगवान है यह कौन कहता है वह जो किसी भी धर्म का अनुयायी है और धर्म क्या है -हर धर्म सत्य अहिंसा की बात करता है अत: धर्म और कुछ नही बस एक बेहतर तरीके से जीने का तरीका है क्योंकि जो सत्य अहिंसा का पालन करेंगे वे किसी को कष्ट कैसे देंगे
    रही बात फ़िरको या समाजों की वे धर्म नहीं हैं बस फिरके भर हैं और फ़िरकापरस्त लोग ही धर्म का गलत विवेचनinterpretation karate hain.
    खैर अच्छी बात से शुरूआत की है आपने बधाई मेरे विचारों को कहानी-कविता गज़ल बालगीत आदि के माध्यम से पढें यहां
    http://gazalkbahane.blogspot.com/
    http://katha-kavita.blogspot.com/
    http://sarasparyas.blogspot.com/

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  3. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
    लिखते रहिये
    चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
    गार्गी

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  4. Bhagvaan kyaa kartaa hai kyaa nahi............ye to pata nahi. par ye baat tay hai.....usko yaad kar ke man ko shaanti milti hai, bal miltaa hai....aur itma sab bas uske maan se

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  5. ब्रदर आपने बहुत अच्छा मुद्दा मुठाया है और बेहतर तरीके से उठाया है।
    क्या ईश्वर हमारी रक्षा करता है? बेशक ईश्वर हमारी रक्षा करता है।
    सबसे पहले मैं स्पष्ट करना चाहूगा कि ईश्वर से मेरा मतलब उस निराकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर से है जो सारे इंसानों का मालिक है और वही सच्चा ईश्वर है। उसे अरबी में चाहे अल्लाह कहें,हिन्दी में परमेश्वर कहें या अंगे्रजी में almighty god या फिर नास्तिक लोगों की भाषा में प्रकृति,कुदरत,सुपर पावर।
    बात ईश्वर की रक्षा की है।
    ब्रदर जरा गौर करें जब इंसान मां की कोख में होता है तो ईश्वर उसकी किस बेहतर अंदाज में परवरिश करता है। हर तरीके से उसकी रक्षा करता है। आप खुद गौर करें जो रोटी-सब्जी,फल,जल,दूध आदि हम काम में लेते हैं वे ईश्वर की तरफ से हमारी परवरिश के लिए है। क्या आपने कभी सोचा गेहूं उगने में कुदरत के कितने प्रयास शामिल होते हैं। बीज और जमीन का तालमेल,हवा का सहयोग,सूरज की रोशनी,पानी की खुराक और भी ना जाने कौन कौनसी ईश्वरीय शक्तियां मिलक र हमारे लिए यह अनाज तैयार करती है। फिर हम इसे खाकर अपनी भूख मिटाते हैं। यह तो एक छोटा सा उदाहरण है। हवा,पानी,रोशनी ,रात,दिन,नींद,आंखें,कान,पहाड़---------आखिर ईश्वर के किन-किन उपहारों को गिन पाएंगे, जो हमारे लिए है?
    ब्रदर आप गौर कीजिए ईश्वर हम सहित तमाम जीव जंतुओं की कितने बेहतर अंदाज में परवरिश कर रहा है। परवरिश करना यानी रक्षा करना। जी हां अगर ईश्वर की दी हुई ऑक्सीजन,पानी,अनाज,रोशनी नहीं मिले तो हम कितने दिन जी पाएंगे?क्या यह हमारी रक्षा नहीं हुई? ईश्वर की तरफ से हमें जिंदगी जीने के लिए मिले संसाधन क्या हमारी रक्षा नहीं कर रहे? क्या यह सब नेमतें किसी इंसानी प्रयोगशाला में बनी हैं? भाई गौर करो ईश्वर हमारी कितनी रक्षा कर रहा है। किसी आई स्पेशलिस्ट से पूछो हमारी आंखों में कितनी ज्यादा कोशिकाएं हैं। आखिर क्यों? ताकि हम देख भी सकें और इनकी रक्षा भी हो सके। इस तरह इंसान अपनी परवरिश और ईश्वर द्वारा उसको दिए गए उपहारों पर गौर करे तो एहसास होगा कि ईश्वर हमारी रक्षा करता है।
    अब सवाल उठता है तो फिर आदमी हादसों में मर क्यों जाता है? ईश्वर की भक्ति के दौरान भी ईश्वर उनकी मदद नहीं करता और वह मौत का शिकार हो जाता है? भाई ईश्वर ने हर कर्म का एक नतीजा और स्वभाव रखा है। आग जलाती है। धूप गर्म होती है,चांद में ठण्डक है,आदि आदि। अगर आप कुएं में कुदोगे तो गलत नतीजा आपको भुगतना ही पड़ेगा। चलती गाड़ी के सामने लैटने पर रिजल्ट कोई अच्छा नहीं आएगा। ईश्वर ने अपने को अक्ल दी गलत कर्मों के नतीजे जानने के लिए।
    सवाल फिर भी बाकी रह गया। ईश्वर भक्तों को क्यों नहीं बचाता ? वह बचाता है जिनको वह बचाना चाहता है। प्रहलाद को आग की लपटों से बचाया। पैगम्बर इब्राहिम को भी तेज आग से बचा लिया। आज कल भी कई ऐसी खबरे ंहम पढ़ते हैं-टे्रन के नीचे बच्चा आ गया फिर भी बच गया। गहरे ट्यूबवैल में बच्चा गिर गया काफी समय बाद भी वह जिंदा निकल आया। पहाड़ से गिरा व्यक्ति बच गया ठोकर लगी मर गया। और तो और आदमी खुशी से मर गया।
    किसी के हादसे में मरने का मतलब ईश्वर की रक्षा ना करने का अर्थ लगाना भी उचित नहीं है। फिर यह भी गौर करें ईश्वर की भक्ति के नाम पर आज जितने तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसका जिस पर मन आया उसी को ईश्वर बना दिया। ताज्जुब होता है कितने प्रयोग किए गए हैं ईश्वर के नाम पर। कौनसी भक्ति सच्ची है और कौनसा ईश्वर सच्चा है? ईश्वर का दिया हुआ दिमाग का इस्तेमाल करते हुए आखिर सोचें तो सही।
    मेरा ईमेल एड्रेस response@islamicwebdunia.com ब्रदर अगर तुम अपने ब्लॉग पर लिखे इन तीनों सवालों का जवाब पाना चाहते हो तो कुरआन में इसका बेहतर जवाब मिलेगा। मेरे ब्लॉग पर हिन्दी में कुरआन उपलब्ध है।

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  6. Bahut sundar rachana..really its awesome...

    Regards..

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