Tuesday, July 21, 2009

बलत्कार एक हथियार ?

आज मिडिया में बलत्कार छाया हुआ है हर रोज ख़बर आती है जिसमे मारने व् बलत्कार की बराबर की ख़बर होती है बलत्कार की खबर में छोटी बच्ची से लेकर बड़ी ओरत तक होती है और बलत्कार करनेवाले किसी भी उम्र के हो सकते है / क्या, धर्म के अनुसार कलयुग आगया है इस लिए ऐसा कृत्य हो रहा है बलात्कार के केश को देखने के बाद एक बात दिखाई देती है किदोष कानून कि नजरो में केवल पुरूष का ही होता है क्या आपकी नज़र में दोसकेवल आदमी काही होता है क्या तली एक हाथ से बजती है ? हा जहा पर्सनआता है बच्ची व् बेसहारा व् लाचार की वहा बात ठीक है आज के समाज में युवा नारी युवा नरो का शिकार होती है यहाँ ग़लत मामला बनता है यहाँ पुरूष को ही दोसी माना जाता है जब की नारी व् कानून दोनों कहते है की नारी पुरूष से काही भी कम नही है वह पुरूष के बराबर हर मानले में है परन्तु जब बलात्कार का मामला आता है तो यहाँ नारी को कमजोर समझ कर आदमी को दोसी माना जाता है क्यो ? एक तरफ तो नारी को १८ साल से उपर होने के बाद उसे अपने बारे हर निर्णय लेने का अधिकार है कानून उसे स्वंम का स्वामी मानती है परन्तु बलत्कार में नारी कहती है की मुझे बहला फुसला कर ले जाया गया /मारने की धमकी दी जबकि मारने वाले के पास कोई हथियार नही था अगर नारी इतनी कमजोर है की मात्र खाने के डर से ही इतना झुक जाती है तो बारबार होने का दावा व् अधिकार क्यो जताती है कई बार कहती है मेरे घर में घुस कर जबर जास्ती की / ये सारे बहाने है अगर बात खुलती है तो बलात्कार का नामले कर पुरूष को बलि का बकरा बनादो / आप सभी जो न्याय विध है या आयोग में उचे पदों पर बेठे है खुले मन से सोच की क्या एक आदमी अपनी पत्नी की सहमती के बिना सम्बन्ध बना सकता है मैतो ये मानता हु नही / अगर आप को सकोच है तो जर अजमाकर देखो /दूसरी नारी की तो बात ही और है /बच्चियो विकलांग याकोई भी मज़बूरी को छोड़ कर केवल पुरे बलात कर के आंकडो मै केवल २ से ३पर्तिशत Hइ ठीक होते है /
इस कानून की आड़ में नारी ही पुरूष के स्त बलात्कार कर रही है जब तक आदमी या बात ठीक चलती है तो मामला ठीक है वरना बलत्कार / आज नारी जानती है जब तक अयास्शइ की जातो है करो जब खतरा आए पुरूष को बलि चदा दो इस लिए नारी इस काम को खुल कर कररही है कई बार तो यह बात भी सामने आई है की शादी का झासा दे कर महीनो बलत्कार किया /इस बात एक बात तो है की वः नारी विवह से पहले इस कम को वः ठीक मानती थी और जब बिगरी तो व्ही काम बलत्कार हो गया जब नारी दुशमन से लड़ने की ताल ठोकती है तो यहाँ अपने को कजोर बता कर डॉस पल्ला झाड़ रही है आप सभी पाठको से अनुरोध की आप बताये की आज नारी ने बलत्कार को हथ्यार बनाया की नही / इस बलत्कार के कानून में सुधर होना चाहिए की नही / और परुष वर्ग से अपील है की वः भी नारी के विरूद्व में बलात्कार के मुकदमे दायर करे ताकि आप अपनी गिरती हुई शाख को बचा सखो /
टिपण्णी के इंतजार में /
धन्यवाद /
ही