Saturday, June 13, 2009

सबके भगवान बडे व पुराने क्यो ?

आज विश्व में हजारो धर्म होगे सम्प्रदाय होगे सभी अलग भगवन की पूजा करते है

सभी अलग अलग है इस लिए मानव एक नही अनेक में बटगया है इस अनेकता में एक बात एक है वह है दुसरे धर्म को छोटा बता कर अपने धर्म को बडा बताना अच्छा बताना अपने को किसी भी तर्क से सबसे उचा बनाये रखना विश्व में जितने भी धर्म के प्रचारक है वह शभी यही कहते है हम उतम है हम ठीक है बाकि सब बकवास है हमारे साथ जुडो और दूसरा यह कहते है किहमारा जो भगवन है वह सबसे पुरातन है और सबसे पुरातन होने के कारण येही सबका मालिक है यही करता है ठीक इसी प्रकार दूसरा व् तीसरा या सभी धर्म कहते है /

अब जरा सोचिये क्या इस लोक के मालिक अनेको है और सभी अविनशी है नये और पुराने तो तभी होगे न जब सभी अविनाशी होगे/ इस प्रकार इस लोक पर अनेको धर्म और इस लोक को चलाने वाले अनेको भगवान है अगर आप भगवान में विश्वास रखते हे तो आप ये भी कहते होगे इस लोक का पालन करता एक है इसी प्रकार धर्म गुरु bhe यही कहता है /यदि एक ही है तो आप अपने को पुरातन किस प्रकार कहते हो अपने को उतम किस प्रकार कहते हो/ अगर सभी धर्म barabar है तो आप अपने धर्म के लिए प्रचार क्यो कर रहे हो दुसरो के धर्म में सामिल क्यो नही हो जाते /

मेरा धर्म गुरुओ से अनुरोध है आप बताये आपका भगवान बडा व् पुराना क्यो है कैसे है या कोए धर्म का जानने वाला हो अपने भगवान को दुसरो से छोटा बताये खुले मन से विचार रखे हो सके तो अपना इ -मेल पता जरुर लिखे जिससे आप से सीधे स्मपरक हो सके / सभी पाठको से अनुरोध है अपनी टिप्पणी जरुर लिखे /