Tuesday, July 14, 2009

गो माता /आवारा पशु

इस लेख में हिन्दुओ की गो माता पर चर्चा करेगे पुरे विश्वे में जो वर्णन गायेके बारे में हिन्दुओ के गर्न्थोमें है वह पुरे संसार में कही भी नही है गाये को इतना महानकहा गया है किउसको सुनाने में पुरा दिन गुजर सकता है इसे विश्व कि पालन करता, सभी इच्छाओ को पुरी करने वाली देव का एक महान रूप बतायागया है इसे हिंदू धर्म में देवताओ के सामान पूजा जाता है गो के सामना हिंदू हाथ जोड़ कर नमस्कार करते है किसी धार्मिक कार्यमें खाने से पहले गो का हिस्सा जरुर निकलते है गो मांस का सेवन तो न माफ़ होने वाला पाप है उसे भगवन तो सजा देगा ही परन्तु यहाआदमी भी सजा देते है गाये को हिंदू लोग गो माता कहते है गो के विपरीत एक भी शब्द सुनना धर्म विरूद्व है गो सेवा करना के महान धर्मिक काममानते है सुबह श्याम आज भी इसे अन्न रूप में हिंदू लोग पुण्य के लिए खिलते है कुछ पापो से छुटकारा पाने के लिए हिंदू पंडित गो चारा खिलने के लिए कहते है गो हिन्दुओ कि माता है कोई भी हिंदू धर्म को मानने वाला गर्व से माता कहता है /हिंदू धर्म के भगवानकृषणबचपन में गो को चरातेथे अपने हाथो से सेवा करते थे /इससे तो बहुत ज्यादा मान्यत है बस मै यहाँ इतनी ही लिख रहा हु /
ये सभी हिंदू पुस्तको में लिखा है या धर्म परचारके समय धर्मगुरु बताते है या ये हिंदू धर्म कि मजबूत मान्यता कहे / हिंदू इन्हे मानना अपना धर्म मानते है /
अब हम गो माता व् उनके मानने वाले हिन्दुओ कि बात करते है कबी भारत में करोडो गो होती थी आज सही अर्थ में पूछो तो गो विलुप्त होती जा रही है हिंदू बड़ते जा रहेहे इसी प्रकार कम होती रही तो गो माता एक उदाहरण बन कर रह जायेगी / दूसरी बात ये है आज गो माता ही सडको पर कूड़ा खाते हुए इधर उधर भटकते हुए रेल कि पटरी पर मरी पड़ी मिलती है कई जगह गोसाला है उनमे तो उनकी जर्जर हालत पर किसी का भी दिल ख़राब हो जाता है उनके पालन करने वाले उनके लिए मांग कर केवल उनके जीने लायक ही चारा दाल पाते है जो सड़को पर आवारा है उनके लिए कोई सहारा नही होता कोई भी मोसम क्यो न हो /आप हिंदू है क्या आप ने नही देखा जो मै लिख रहा हु/ कभी सोचा अपनी माँ के बारे में /
हिंदू धर्म गुरुओ आप इतने आमिर है करोर रुपया है क्या किया अपनी माता के लिए/ बस गो के गुन गा ते हो और हिन्दियो से दान रूप में पैसा लेजाते हो आप कि माँ कहा है कोई पता नही जो अपने आप को कट्टर हिंदू मानता है वह भी सोचे अपनी माँ के लिए /मै यह मानता दू सरकार ही अच्छी है जो इन्हे अपने कागजो में आवारा पशु लिखती है और अवाराप्शु जैसा व्यवहार करती है अ हिहो अगर आप को मेरा लेख पड़ कर अपनी माँ कि इज्जत पर और अपने शर्म आती है तो मै आप से यह जानना चाहुगा कि जो सडको पर कूड़ा खाकर जो जीवन चला रही है वह आप कि गो माता है या आवारा पशु /आप यह भी बताये कि माता किस हक़ से कह रहे हो आप मेरी इस छोटी सी चुभन से जागो गे या सहन करके सोजोगे आप बताये कि यह गो माता है या आवारा पशु / तिपनी जरुर लिखे .इंतजार में /
धन्यवाद/

1 comment:

  1. u r absolutely right. Dharm Guru logon ne dharm ko dhandha bana rakha hai. Goshala on me bhi gaayon ki durdasha dekhi jaa sakti hai.
    I agree with your point
    prakash chandalia

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