Monday, November 23, 2009

नारी समानता नही चाहिए

आज विश्व में एक आवाज़ आ रही है कि नारी समानता होनी चाहिए सहमत नही हु आप सहमत हो सकते है समाज में नर व् नारी दोनों को रहना है दो सामान ताकत आराम से एक साथ नही रह सकती दोनों टकरती रहेगी जब तक एक हार न मानले यही हमारे समाज में होगा/ क्योकि जगत का नियम है कि रजा एक ही होता है जब कई राजा होगे तो अराजकता फ़ेलेगी यही हल नारी समानता आते ही ही होगा समाज समाज न रह कर एक आदमी का समाज रह जाएगा हार आदमी का अपनी सच के अनुसार समाज हो गा/ समानता आते ही कामवासना बेडेगी व् हिंसा होगी विश्व में नर काम प्रधान होता है जब नारी भी बराबर हो जाएगी तो काम अपने चरम पर पहुच जाएगा तलाक होगे व् कुवारी लडकियों को बचे होगे / जिन बच्चो के बिखरे परिवार होते है उनमे समाज के परती कोई मोह नही होता उनकी वर्ती हिंसात्मक होती है तो क्या आप विकरत समाज चाहो गे संतान जो भविष्य होती है अपने भविष्य को बिगड़ना चाहोगे क्या आप अपने समाज में हिंसा चाहते हो समाज में उपर लिखी बुराई ही नही सारी बुराई आएगी क्या आप चाहते है बुरा समाज / तो अब बताये क्या नारी समानता होनी चाहिए/ टिपणी के इंतजार में /

Tuesday, October 20, 2009

बहन भाई क्यो नही !

आज समाज विज्ञानदोनों ही बड़ी तेजी से बदलते जा रहे है पहले का सारा का सारा नजरिया बदलता जा रहा है खास कर समाज तो रीती रीतिरिवाज वह बिल्कुल बिल्कुल ही वह BILKUL HI बदल रहे है पुराने टूटते जा रही है हमारा धर्म तो पुराना है परन्तु उसका रिवाज अपनी चाहत के अनुसार बना रहे है इस बदलाव के कारण तो धर्म पर शक होने लगता है जिन सिदंतो से धर्म बना है वह पर्तिदिन गिरगिट की तरह बदलता है तो हम किस नियम को माने किस सीथिर सिदान्त को माने सदेव रहने वाला हमारा धर्म कोनसा है /

अब हम इसके सिदंतो या रिवाजो की बात करते है पुरी दुनिया माँ हर धर्म में बहन भाई का रिश्ता सबसे पवित्र मन जाता है कानून ये कहता है की कोई भी दो बालिग लड़का व् लड़की शादी कर सकते है यह तो मुझे मालूम नही की उस कानून में सहज बहन भाई शब्द पर्योग कर रखा है की नही / हा कानून धर्म के साथ बंधा हुआ नही है इस लिए वो लिख सकता है थोड़े आदमियो को छोड़ कर सारा विशव धार्मिक है धर्म ये कहता है की कोई भी कुआंरी लड़की हो वह बहन लगती है क्या आप किसी धर्म से जुड़े हो अगर जुड़े होतो क्या आप बहन भाई के इस सिदान्त को मानते हो अगर नही मानते तो अपने आप को किसी भी धर्म का मानने वाला मत कहिये आप धार्मिक है ही नही या आप किसी भी धर्म के नही हो /

आज कोई भी लड़का किसी भी लड़की का भाई नही बनना चाहता केवल सगी बहन तक ही या चाचा ताओ तक ही इस रिश्ते को मानता है बाकि शाभी लड़कियो को दोस्त मानता है क्यो ?यह बात लड़को पर ही नही लड़कियो पर भी लागु होती है क्यो ऐसा होरहा है क्यो नही बनना चाहते बहन भाई बनना / क्या दोस्त बनना जरुरी है क्या इसके पीछे कोई स्वार्थ छिपा है या आज की जरूरत है क्या आप बहन भाई बनना चाहोगे अगर नही तो क्यों/ क्या बहन भाई बनना गलत है यह रिश्ता धर्म से सम्बंधित है या नेतिकता से /आज के बाद आप क्या निश्चित करेगे दोस्त या बन भाई / टिपण्णी के इंतजार मे

Tuesday, September 1, 2009

धर्म पत्नी /पति

मैनेएक ब्लॉग पर पडा की धर्म पत्नी होती है धर्म पति क्यो नही होता / मारा कई लेखक भाई बहनों ने समझाने की कोसिस की परन्तु मेरे हिसाब से ठीक नही था /मैने डॉ। अधुरा के नाम से लिखा भी था जो बहुत थोड़ा था अब विस्तार से लिख रहा हु धर्म पत्नी व् पति लिखने की आदत मेरे हिसाब से हिंदू धर्म में ही है हिंदू वास्तविक रूप में भगवन व् उनकी पत्नी को ही पति पत्नी मानते है बाकि हम तो उनके बनाये धम्र के अनुसार ही पति पत्नी है अब इसका वेझानिक पहलु बताते है तो भाषा के विझान पर भी ठीक है पति का अर्थ है पालकअर्थात जो पालता है और पत्नी का अर्थ है जो पलती है /पत्नी को शक्ति भी कहा जाता है वास्तविक रूप में जो गुन हमारे अंदर सबसे शक्तिशाली है या जो गुन हमने विशेष से बडाया है वह हमारी पत्नी है हमारे और हमारी शक्ति के बिच में कोई नही होता न ही हम बहार से लाते है वह हमारी पत्नी है जो हम शादी करके लाते है उसे हम समाज से अपने धर्म के अनुसार लाते है और नियमो का पालन करते है धर्म अनुसार लेने व् पालने के कारणउसे धर्म पत्नी कहा जाता है यही बात पति पर लागु होती है / धर्म गर्न्थोमें गलत अर्थ लगाने से ही हमारे गरंथ अधर्म की पुस्तक बन गई है और हम अधर्मी बन गए है पुसतक पड़ते समय प्रत्यक्ष व् परोक्ष का ध्यान रख कर सही अर्थ लगिए बात ठीक रहेगी नही तो आज जेसे सवाल खड़े हो रहे है खड़े होते रहेगे और यही कारण धर्म विनाश का कारण है /
टिपणी जरुर लिखे , धन्यवाद/

Thursday, August 27, 2009

नारी नही बेचारी

आज तक पुरे विश्व मै नारी को बेव्हारी के रूप मै देखा जाता है उसी नजर से उस पर दया की जाति है / परन्तु नारी को जब पूछा जाता है तो वह पुरूष को बेचारी कहने को मना करती है और सना थोक कर कहती है की हम पुरुषों से किसी भी तरह कम नही है जब कही नारी समेलन हो रहा होतो वहा तो सुनने लायक बाते होती वहा तो समाज को पुरूष प्रधान बता कर बहुत ही कड़वा भाषण दिया जाता है जबकि आज तक जितना भी नारी उठान हुआ है उसमे पुरूष की पुरी भागी दरी रही है नारी इस बात को मानने को तयार नही पर यह सचाई है यह नही की मै पुरूष हु मै नारी उठान के विरूद्व नही हु /

परन्तु मुझे जोर का धका जब लगता है जब नारी के लिए सरकार की तरफ से दया के रूप मै कोई विशेस छुट दी जाति है या कानून मै कोई नरमी दी जाती है जैसे बस मै खड़ी नारी को सिट देदेना या किसी कतारमै पहले जगह दे देना या अबला समझ कर दया करना कितने छोटी सोच के है वो लोग जो नारी को दया का पात्र मानते है आज नारी किस पद पर नही है मै तो यही कहुगा की नारी पर किसी प्रकार की दया नाकि जाए /मै तो ये चाहता हु की इसे भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर पर तनत कर देना चाहिएजेसे पुरूष पर कमाने का दैएत्व है उसी परकार नारी का भी होना चहिये नाकि ये की नारी कुछ करे तो शाबाशी करे तो ये कह कर छोड़ दो की ये तो नारी है घर भी रह सकती है नारी बेचारी कहना व् बेचारी समझ कर सहायता करना नारी का अपमान करना है क्योकि नारी नही बेचारी /

टिप्पणी लिखे , धन्यवाद /



Tuesday, July 21, 2009

बलत्कार एक हथियार ?

आज मिडिया में बलत्कार छाया हुआ है हर रोज ख़बर आती है जिसमे मारने व् बलत्कार की बराबर की ख़बर होती है बलत्कार की खबर में छोटी बच्ची से लेकर बड़ी ओरत तक होती है और बलत्कार करनेवाले किसी भी उम्र के हो सकते है / क्या, धर्म के अनुसार कलयुग आगया है इस लिए ऐसा कृत्य हो रहा है बलात्कार के केश को देखने के बाद एक बात दिखाई देती है किदोष कानून कि नजरो में केवल पुरूष का ही होता है क्या आपकी नज़र में दोसकेवल आदमी काही होता है क्या तली एक हाथ से बजती है ? हा जहा पर्सनआता है बच्ची व् बेसहारा व् लाचार की वहा बात ठीक है आज के समाज में युवा नारी युवा नरो का शिकार होती है यहाँ ग़लत मामला बनता है यहाँ पुरूष को ही दोसी माना जाता है जब की नारी व् कानून दोनों कहते है की नारी पुरूष से काही भी कम नही है वह पुरूष के बराबर हर मानले में है परन्तु जब बलात्कार का मामला आता है तो यहाँ नारी को कमजोर समझ कर आदमी को दोसी माना जाता है क्यो ? एक तरफ तो नारी को १८ साल से उपर होने के बाद उसे अपने बारे हर निर्णय लेने का अधिकार है कानून उसे स्वंम का स्वामी मानती है परन्तु बलत्कार में नारी कहती है की मुझे बहला फुसला कर ले जाया गया /मारने की धमकी दी जबकि मारने वाले के पास कोई हथियार नही था अगर नारी इतनी कमजोर है की मात्र खाने के डर से ही इतना झुक जाती है तो बारबार होने का दावा व् अधिकार क्यो जताती है कई बार कहती है मेरे घर में घुस कर जबर जास्ती की / ये सारे बहाने है अगर बात खुलती है तो बलात्कार का नामले कर पुरूष को बलि का बकरा बनादो / आप सभी जो न्याय विध है या आयोग में उचे पदों पर बेठे है खुले मन से सोच की क्या एक आदमी अपनी पत्नी की सहमती के बिना सम्बन्ध बना सकता है मैतो ये मानता हु नही / अगर आप को सकोच है तो जर अजमाकर देखो /दूसरी नारी की तो बात ही और है /बच्चियो विकलांग याकोई भी मज़बूरी को छोड़ कर केवल पुरे बलात कर के आंकडो मै केवल २ से ३पर्तिशत Hइ ठीक होते है /
इस कानून की आड़ में नारी ही पुरूष के स्त बलात्कार कर रही है जब तक आदमी या बात ठीक चलती है तो मामला ठीक है वरना बलत्कार / आज नारी जानती है जब तक अयास्शइ की जातो है करो जब खतरा आए पुरूष को बलि चदा दो इस लिए नारी इस काम को खुल कर कररही है कई बार तो यह बात भी सामने आई है की शादी का झासा दे कर महीनो बलत्कार किया /इस बात एक बात तो है की वः नारी विवह से पहले इस कम को वः ठीक मानती थी और जब बिगरी तो व्ही काम बलत्कार हो गया जब नारी दुशमन से लड़ने की ताल ठोकती है तो यहाँ अपने को कजोर बता कर डॉस पल्ला झाड़ रही है आप सभी पाठको से अनुरोध की आप बताये की आज नारी ने बलत्कार को हथ्यार बनाया की नही / इस बलत्कार के कानून में सुधर होना चाहिए की नही / और परुष वर्ग से अपील है की वः भी नारी के विरूद्व में बलात्कार के मुकदमे दायर करे ताकि आप अपनी गिरती हुई शाख को बचा सखो /
टिपण्णी के इंतजार में /
धन्यवाद /
ही

Tuesday, July 14, 2009

गो माता /आवारा पशु

इस लेख में हिन्दुओ की गो माता पर चर्चा करेगे पुरे विश्वे में जो वर्णन गायेके बारे में हिन्दुओ के गर्न्थोमें है वह पुरे संसार में कही भी नही है गाये को इतना महानकहा गया है किउसको सुनाने में पुरा दिन गुजर सकता है इसे विश्व कि पालन करता, सभी इच्छाओ को पुरी करने वाली देव का एक महान रूप बतायागया है इसे हिंदू धर्म में देवताओ के सामान पूजा जाता है गो के सामना हिंदू हाथ जोड़ कर नमस्कार करते है किसी धार्मिक कार्यमें खाने से पहले गो का हिस्सा जरुर निकलते है गो मांस का सेवन तो न माफ़ होने वाला पाप है उसे भगवन तो सजा देगा ही परन्तु यहाआदमी भी सजा देते है गाये को हिंदू लोग गो माता कहते है गो के विपरीत एक भी शब्द सुनना धर्म विरूद्व है गो सेवा करना के महान धर्मिक काममानते है सुबह श्याम आज भी इसे अन्न रूप में हिंदू लोग पुण्य के लिए खिलते है कुछ पापो से छुटकारा पाने के लिए हिंदू पंडित गो चारा खिलने के लिए कहते है गो हिन्दुओ कि माता है कोई भी हिंदू धर्म को मानने वाला गर्व से माता कहता है /हिंदू धर्म के भगवानकृषणबचपन में गो को चरातेथे अपने हाथो से सेवा करते थे /इससे तो बहुत ज्यादा मान्यत है बस मै यहाँ इतनी ही लिख रहा हु /
ये सभी हिंदू पुस्तको में लिखा है या धर्म परचारके समय धर्मगुरु बताते है या ये हिंदू धर्म कि मजबूत मान्यता कहे / हिंदू इन्हे मानना अपना धर्म मानते है /
अब हम गो माता व् उनके मानने वाले हिन्दुओ कि बात करते है कबी भारत में करोडो गो होती थी आज सही अर्थ में पूछो तो गो विलुप्त होती जा रही है हिंदू बड़ते जा रहेहे इसी प्रकार कम होती रही तो गो माता एक उदाहरण बन कर रह जायेगी / दूसरी बात ये है आज गो माता ही सडको पर कूड़ा खाते हुए इधर उधर भटकते हुए रेल कि पटरी पर मरी पड़ी मिलती है कई जगह गोसाला है उनमे तो उनकी जर्जर हालत पर किसी का भी दिल ख़राब हो जाता है उनके पालन करने वाले उनके लिए मांग कर केवल उनके जीने लायक ही चारा दाल पाते है जो सड़को पर आवारा है उनके लिए कोई सहारा नही होता कोई भी मोसम क्यो न हो /आप हिंदू है क्या आप ने नही देखा जो मै लिख रहा हु/ कभी सोचा अपनी माँ के बारे में /
हिंदू धर्म गुरुओ आप इतने आमिर है करोर रुपया है क्या किया अपनी माता के लिए/ बस गो के गुन गा ते हो और हिन्दियो से दान रूप में पैसा लेजाते हो आप कि माँ कहा है कोई पता नही जो अपने आप को कट्टर हिंदू मानता है वह भी सोचे अपनी माँ के लिए /मै यह मानता दू सरकार ही अच्छी है जो इन्हे अपने कागजो में आवारा पशु लिखती है और अवाराप्शु जैसा व्यवहार करती है अ हिहो अगर आप को मेरा लेख पड़ कर अपनी माँ कि इज्जत पर और अपने शर्म आती है तो मै आप से यह जानना चाहुगा कि जो सडको पर कूड़ा खाकर जो जीवन चला रही है वह आप कि गो माता है या आवारा पशु /आप यह भी बताये कि माता किस हक़ से कह रहे हो आप मेरी इस छोटी सी चुभन से जागो गे या सहन करके सोजोगे आप बताये कि यह गो माता है या आवारा पशु / तिपनी जरुर लिखे .इंतजार में /
धन्यवाद/

Tuesday, July 7, 2009

शराब पीना देश भगति है

जी आप ने शीर्षक ठीक पडा है इस बात में कोई शक नही क्योकि आपने शराबी का सामने का रूप देखा है आप कभी उसके पीछे के रूप पर नही गये हो न ही समझने की कोसिस किहे पहली बात तो ये की शराब नही ख़राब यह महा ओस्धि है जब कोई बीमार हो जाता है तो कहा जाता है की कोई दवा दारू दी के नही /इस बात का अर्थ है किsआरी दवाई एक तरफ और दारू एक तरफ /आप सभी जानते अनेको दवाई शराब ही होती है जो बहुत स्वस्थ लाभ करती है फर्क इतना है के वह जडीबुटी कि होती है यह चीनी जैसे पदार्थ से बनती है यह तो विज्ञानं भी कहता है भरब पिने हाजमा ठीक रहता है खून के दोरे में लाभ पहुचता है जिससे दिल का डोरा पड़ने कि कम संभवना रहती है इसके पिने नीद आती है मानसिक संतुलन ठीक रहता है लाभ तो और भी है बीएस इस बात से आप समझ ही गये होगे कि ये नाफ्त्र करने कि वस्तु नही है
शराब पीना देश भगति कैसे है आप सभी जानते है सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स शराब से ही मिलता है एक्स्सेज ड्यूटी शराब पर सबसे ज्यादा है पहला फायदा तो ये है जब सरकार के पास टेक्स ज्यादा जाएगा तो तो देस्ग कि उन्नति होगी नई नई तकनीक आए गी देश उन्नति करेगा सरकार सब सीडी देगी सामान सस्ता मिलेगा जिस सरकार के पास पैसा होता है वह संपन देश होता है और दुनिया में सर उठा कर चल सकते है अब तो आप मन ही गये होगे कि शराब पीना देश कि उन्नति में कितना बडा योगदान करता है /
देश भगत वह होता है जो देश केलिए अपनी जान देते है क्या शरब पि कर लोग नही मरते मगर मरने से पहले लड़ना पड़ता है क्या शारबी नही लड़ते अरे लड़ते तो है जिसे आप हुर्दंग कहते है वाही तो लडाई है पहले शरब पि कर देश को सीधा लाभ पहुचाया फ़िर दंगा किया /दंगे को सुलझाने को कितना बडा तंत्र खड़ा किया जिसमे अनेको कर्मचारी लगाये गये जिनकी रोजी रोटी चली/ जिसमे थोड़े पड़े से अधिक पड़े लोगो को सेवा करने का अवसर मिला /ये क्या देश सेवा नही है /
देश का सैनिक अपने बीबी बच्चो की प्रवाह नही करता देश के लिए जान देदेता है आप बताये क्या शराब पिने वाला करता है /नही करता ना / अपने धन को बाज़ार में रखता है कालाधन नही रखता ज्यादा धन बाज़ार में होगा देश खुशहाल होगा इस प्रकार हम कह सकते है शराब पिने वाला देश रीड मजबूत कर ता है इस लिए हमकह सकते है शराब पीना देश भगती है (व्यंग )

Wednesday, July 1, 2009

धर्म/ अधर्म

विश्व में धर्म व् जाति कितना घिनोना है इसकी कल्पना भी नही की जा सकती और यह घिनोना पन सदियों से इन्सान के साथ आ रहा इस ju है इन दो बातो ने आज हमे इन्सान नही राक्ससबना दिया / धर्म कहता है बुरे काम मत करो किसी से इर्ष्या मत करो हम सब एक भगवन के पुत्र है , हम सब भाई भाई है

जरा सोच कर बताये / आप किसी भी धर्म के हो/ क्या आपके धर्म का किसी धर्म से भाई चारा है क्या आपके धर्म का कही कोई दुसरे धर्म से कोई तनाव नही चल रहा क्या आपके आपके पडोस में दुसरे धर्म वालो अपने धर्म की तरह पटतीहै क्या आपका मन दुश्रे धर्म वाले को अपना मानता है और जब टोटल एक धर्मं अवलंबी होते है तबउनकी बातो में भाई चारा होता है क्या ? जरा खुले मन से अपने धर्म को मानते हुए सोचिए मेरे हिसाब से उतर दुसरे के प्रति एक तनाव जरुर होगा खुले मन से जिसे आप नही मानते /

धर्म को घिनोना क्यो कहता हु/ धर्म पहले था या इन्सान ? इसका सभी समझदारयही उतर देगे की इन्सान पहले, धर्म बाद में है इंसानों से ही धर्म बना है इस लिए इन्सान पहले है परन्तु आज धर्म के नाम पर कितना खून खराबा हो रहा है जिससे समाज में और ख़ुद ने तनाव हो क्या वः हमारा या समाज का हित है क्या हम शान्ति से जी पायेगे जब समाज ने तनाव होता या आप पर तनाव रहता है वहभी बदले का तो बताइए आप उन्नति की सोच सकते हो नही न इरसया में में सभी गर्त में ही गिरते है /

जीवन का एक ही लक्ष है आनन्द / क्या कोई इसे प्राप्त सकेगा ,नही ना जब सब कुछ होहे हुए आप को आनन्द नही मिला तो आपने जीवन में कुछ पत्राप्त नही किया / आप पहले इन्सान थे बाद मेधर्म था आपने इन्सनित्यत को त्याग कर धर्म को अपनाया है क्या वह वस्तु या सोच अपनानी चाहिए जिससे आप का और समाज का दोनों का बुरा हो रहा हो /


धर्म किसी एक की अमानत नही है अगर आप आस्था रखते है तो भगवन सभी का है परन्तु जब एक लडका या लडकी शादी करते है तो धर्म के ठेकेदार पुरी ताकत से अडंगा लगते है आए दिन आप ख़बर सुनते हो उन्हें क्या परेशानी होती है सब को अपनी जिन्दगी जीने का हक़ है जितने भी नाम से जुड़े धर्म हैजैसे हिंदू ,मुस्लिम ,क्रिचन आदि आदि उन्हें त्याग देना चाहिए जितने भी नाम से जुड़े धर्म है यह धर्म नही अधर्म है मेरा यह मन्ना है की यह संसार का ना भला किया है ना करेगे

निवेदन - तिप्न्नी जरुर लिखे ,आप अपना इ-मेल पता लिख सकते है जिससे आप से सीधा जुदा जा सकता है

Thursday, June 25, 2009

क्या भगवन रक्षा करते है ?

दुनिया के सभी धर्मो की एक मान्यता है कि उनका भगवान या अल्लाह या अन्य धर्मो में जो भी कहा जाता है वहउनकी रक्षा करता है वह उनकी सभी तरह से रक्षा करताहै चाहे वह सेहत से हो पैसे से हो या अन्य कैसी भी हो सभी से उनकी रक्षा करता है केवल unhi की रक्षा करता है जो उसके भगतहै जब किसी गोद या अल्लाह या किसी भगवन का कोई विशेष पूजा की जाती है बहुत लोग एक साथ आते है इससे धर्म को बहुत फायदा मिलता है यह हर वर्ष किया जाता है अपनी रक्षा के लिए भगत बहुत पूजा करते है
अब एक बात आती है जब भी कोई बड़ी पूजा होती है बहुत आदमी मर जाते है या दुश्मन मार देता है जब भगवान रक्षा करते है वह कैसे मार दिए जाते है भगत की रक्षा भगवान नही आदमी करते है कईधार्मिक स्थानों पर भगदर हो जाती वहा भगत मर जाते है घायल हो जाते है उनकी सहायता भगवन नही इन्सान ही करता है यह बात धर्म स्थल की ही नही पुरे संसार की है जब भी इन्सान पर विपति आई है इन्सान ने ही सहारा दिया है भगवन किसी को हाथ में डंडा देने या दवाई देने कभी नही आए / दूसरा पहलू ये है कि किसी भी देश में हो कोई भी धर्म हो / धर्म के काम के लिए सेना का आदमी क्यो लिया जाता हैमैकिसी के त्यौहार का नाम नही लेना चाहता । बसअपने या अपने किसी न किसी नजदीक किसी धर्म को देख लेना / आज के दोर में आतंक वादी किसी को भी निशाना बना सकते है उनके लिए सेना क्यो? भगवन क्यो नही/ क्या आपके भगवान रक्षा नही करते या आपको लगता है वह हमारी रक्षा नही कर सकते इस लिए सेना को खड़ा किया जाता है / कितनी छोटी सोच है आपकी भगती में अपने सवर्ग के लिए किसी जवान को बलि चडा देते हो किसी के सुख से आपको कोई अर्थ नही / यह स्वार्थ है भगती नही अगर आपका भगवन अल्लाह या मसीही आपकी रख्सा करता है तो किसी क्यो मरतु देते हो /सच तो ये है कि आप कि जान किसी इन्सान ने ही bachai /क्या भगवन ने baachai / आप kaise kh kahte ho bhagwan hamari rkhsa karte hai /
आप सभी धर्म भगत बताये क्या भगवान आप की रक्षा करते है आप किसी भी धर्म से क्यो न हो / पड़ कर जवाब जरूर लिखे / अपना इ-मेल पता भी दे सकते है ताकि मेआप से सीधा सम्पर्क कर सकू /

धन्यावाद ,

Saturday, June 13, 2009

सबके भगवान बडे व पुराने क्यो ?

आज विश्व में हजारो धर्म होगे सम्प्रदाय होगे सभी अलग भगवन की पूजा करते है

सभी अलग अलग है इस लिए मानव एक नही अनेक में बटगया है इस अनेकता में एक बात एक है वह है दुसरे धर्म को छोटा बता कर अपने धर्म को बडा बताना अच्छा बताना अपने को किसी भी तर्क से सबसे उचा बनाये रखना विश्व में जितने भी धर्म के प्रचारक है वह शभी यही कहते है हम उतम है हम ठीक है बाकि सब बकवास है हमारे साथ जुडो और दूसरा यह कहते है किहमारा जो भगवन है वह सबसे पुरातन है और सबसे पुरातन होने के कारण येही सबका मालिक है यही करता है ठीक इसी प्रकार दूसरा व् तीसरा या सभी धर्म कहते है /

अब जरा सोचिये क्या इस लोक के मालिक अनेको है और सभी अविनशी है नये और पुराने तो तभी होगे न जब सभी अविनाशी होगे/ इस प्रकार इस लोक पर अनेको धर्म और इस लोक को चलाने वाले अनेको भगवान है अगर आप भगवान में विश्वास रखते हे तो आप ये भी कहते होगे इस लोक का पालन करता एक है इसी प्रकार धर्म गुरु bhe यही कहता है /यदि एक ही है तो आप अपने को पुरातन किस प्रकार कहते हो अपने को उतम किस प्रकार कहते हो/ अगर सभी धर्म barabar है तो आप अपने धर्म के लिए प्रचार क्यो कर रहे हो दुसरो के धर्म में सामिल क्यो नही हो जाते /

मेरा धर्म गुरुओ से अनुरोध है आप बताये आपका भगवान बडा व् पुराना क्यो है कैसे है या कोए धर्म का जानने वाला हो अपने भगवान को दुसरो से छोटा बताये खुले मन से विचार रखे हो सके तो अपना इ -मेल पता जरुर लिखे जिससे आप से सीधे स्मपरक हो सके / सभी पाठको से अनुरोध है अपनी टिप्पणी जरुर लिखे /

Saturday, June 6, 2009

मूर्ति पूजा क्यो ?

में मूर्ति पूजा के बारे में जानना चाहता हु क्योकि इस विषय पर मेरा कोए विश्वास नही हे /आप सभी से अनुराध हे कि इस विषय के बारे में जो भी ज्ञान या तर्क रखते हो देने का कास्ट करे इस बारे में विस्तार से बताये आप किसी भी धर्म से सम्भन्ध रखते हो विश्व के किसी भी कोने से हो / मैयह समझता हु कि येही हमे ज्ञान से दूर ले जा रहा हे /धर्म से विमुख होने का कारण ऐसी पूजा हे इसी कारन हम सिख्सित होते हुए भी पाप कर्म कि तरफ बढ रहे हे पुरी दुनिया मै धर्म के नाम पर करोडो रूपये या पुरी दुनिया में तो अरबो अरबो खर्च होते हे मगर हम फिरभी हम नरक में जो रहे हेंयहाँ नरक से मेरा अर्थ समाज के विरूद्व कार्य से हें /इस सारा तंतरके बीच गलती बहुत हें मगर में आप से केवल मूर्ति पूजा पर ही बात करना चाहता हु इसको समाज में पुरी तरह लागु करना चाहिए या हटा देना चाहिय में आपसे आसा करुगा कि आप बिना किसी डर के अपने दिल के विचार रखे किसी के सुने या पडे हुए नही होने चाहिए पर्ति किरिय जरूर दे अपना इ मेल पता देगे तो आप से सीधा सम्पर्क केरे गे